FY-19 में फार्मा सेक्टर में टर्नअराउंड की उम्मीद, लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह



  • FY-19  में फार्मा सेक्टर में टर्नअराउंड की उम्मीद, लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह
 पिछले फाइनेंशियल में पूरे साल फार्मा सेक्टर पर दबाव देखा गया। पिछले एक साल की बात करें तो बीएसई पर फार्मा इंडेक्स में 15 फीसदी की गिरावट रही, वहीं निफ्टी पर इंडेक्स 18 फीसदी कमजोर हुआ। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि फार्मा सेक्टर से जुड़ी चिंताएं कम हो रही हैं। पिछले दिनों कई रुके प्रोडक्ट्स को मंजूरी मिली है, वहीं इस फाइनेंशियल में पिछले कई साल से ज्यादा नए प्रोडक्ट मार्केट में आएंगे। वहीं, पिछले कुछ महीनों से डोमेस्टिक के साथ विदेशी बाजारों में भी अच्छी डिमांड ग्रोथ दिख रही है। ऐसे में 2 साल से अंडरपरफॉर्मर रहे सेक्टर में इस फिस्कल टर्नअराउंड देखने को मिल सकता है। एक्सपर्ट्स ने अजंता फार्मा, शिल्पा मेडिकेयर, सनफार्मा और नेटको फार्मा में निवेश की सलाह दी है। 


क्या निवेश का है सही समय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय में मार्केट वोलेटाइल है, इस लिहाज से डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश का सही समय है। इसमें फार्मा सेक्टर भी शामिल है, जो अट्रैकिटर वैल्युएशन पर है। पिछले एक साल के दौरान स्टॉक्स में 46 फीसदी तक गिरावट देखी गई है। ल्यूपिन, कैडिला, सिप्ला, डॉ रेड्डी, सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा के स्टॉक्स एक साल के दौरान सस्ते हो चुके हैं। फॉर्च्युन फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि फार्मा से डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश का सही समय है। फार्मा सेक्टर ऐसा है, जिनमें डिमांड हमेशा बनी रहती है। हालांकि पिछले दिनों घरेलू और विदेशी बाजारों में कुछ कंसर्न रहा है, जिससे सेक्टर पर दबाव रहा है। लेकिन एक्सपोर्ट को लेकर कोई चिंता नहीं दिख रही है। आगे सेक्टर में रिकवरी की उम्मीद है। 
 

FY19 में 22% दिख सकती है ग्रोथ  
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार इस फाइनेंशियल ईयर में फार्मा सेक्टर के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 20-22 फीसदी  की ग्रोथ हो सकती है, जो 2014 के बाद सबसे तेज होगी। इस दौरान रेवेन्यू ग्रोथ 9-11 फीसदी के बीच रह सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रग कंपनीज के लिए इस साल पिछले साल से चुनौतियां कम रहेंगी, वहीं, इस साल कई नए प्रोडक्ट मार्केट में आने का भी फायदा मिलेगा। क्रिसिल का मानना है कि इस साल गलोबल मार्केट में भी ड्रग कंपनियों की ग्रोथ तेज होगी। 


सेक्टर के लिए हैं कुछ कंसर्न
इंडिया इंफोलाइन (IIFL) के फार्मा एनालिस्ट श्रीकांत अकोलकर का कहना है कि डोमेस्टिक मार्केट में ग्रोथ बेहतर है। ऐसे में जिन कंपनियों का एक्सपोजर इंडियन मार्केट में ज्यादा है, उनके लिए ये साल बेहतर रहने वाला है। लेकिन यूएस मार्केट को लेकर अभी भी कंपनियों के मार्जिन पर दबाव दिख रहा है। यूएस में प्राइसिंग प्रेशर अभी बना हुआ है। जेनेरिक ड्रग में कॉम्पिटीशन बढ़ गया है, ऐसे में सभी दिक्कतों के दूर होने में कुछ वक्त लगेगा। हालांकि जिन इंडियन कंपनियों को बेस बड़ा है और उनका बिजनेस मॉड्यूल बेहतर है, उम्मीद है कि वे दबाव हैंडल कर लेंगी। 


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