टेलिकॉम सेक्टर का रेवेन्यू 8% घटा, लाइसेंस फी से होने वाली सरकार की आय भी घटी

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नई दिल्ली। 45 हजार करोड़ से भी ज्यादा कर्ज के दबाव से न केवल टेलिकॉम सेक्टर के लिए मुनाफा कमाना मुश्किल हो रहा है, बल्कि इससे सरकार को होने वाली आय भी कम हो गई है। अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान सेक्टर का रेवेन्यू 8 फीसदी घटकर 61089 करोड़ रह गया है। वहीं, इस दौरान लाइसेंस फी से सरकार को होने वाली अर्निंग भी 16 फीसदी घट गई है। इस दौरान कंपनियों का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर भी घट गया है। टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने यह जानकारी दी है। 

AGR में 16.05% कमी
अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान टेलिकॉम सर्विसेज की बिक्री से टेलिकॉम कंपनियों को होने वाली आय सालाना आधार पर 16.05 फीसदी घटकर 38536 करोड़ रुपए रह गई है। वहीं, इस दौरान ग्रॉस रेवेन्यू में 8.18 फीसदी कमी आई है और यह दिसंबर तिमाही में 61089 करोड़ रुपए रहा है। 

लाइसेंस फी से सरकार की आय घटी
दिसंबर तिमाही के दारान लाइसेंस फी से सरकार को टेलिकॉम कंपनियों से होने वाली अर्निंग भी कम हो गई है। इस दौरान लाइसेंस फी से सरकार को मिलने वाला रेवेन्यू 16.04 फीसदी घटकर 3104 करोड़ रुपए रहा है। जबकि पिछले साल दिसंबर तिमाही में लाइसेंस फी से सरकार को 3249 करोड़ रुपए की आय हुई थी। 

ARPU 5.37% घटकर 79 रुपए 
दिसंबर तिमाही के दौरान टेलिकॉम कंपनियों का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) भी 5.37 फीसदी घट गया है और यह औसत 79 रुपए रहा। जबकि दूसरी तिमाही में एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर 84 रुपए था। वहीं, सालाना आधार पर मंथली ARPU 23 फीसदी से ज्यादा घटा है। 

स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज 29.72% घटा
दिसंबर तिमाही में सेपेक्ट्रम यूजेज चार्ज भी 29.72 फीसदी घटकर 1152 करोड़ रुपए रहा है। जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 1639 करोड़ रुपए था। वहीं, ASPs रेवेन्यू में भी 22.3 फीसदी कमी आई है और यह 28967.93 करोड़ रुपए रहा है। जबकि पिछले साल यह 37283.71 करोड़ रुपए था। 


सब्सक्राइबर्स की संख्‍या 117 करोड़ 
टेलिकॉम इंडस्ट्री में छोटे प्लेयर्स लगातार अपने कस्टमर गंवा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि जनवरी में दिसंबर के मुकाबले कुल टेलिकॉम सब्सक्राइबर बेस में 1.3 फीसदी गिरावट आई है। दिसंबर 2017 में जहां कुल सब्सक्राइबर 119 करोड़ से ज्यादा थे, जनवरी 2018 के अंत में उनकी संख्‍या घटकर करीब 117 करोड़ ही रह गई है। ट्राई के अनुसार छोटी कंपनियों से ग्राहक लगातार दूर हो रहे हैं, जिसकी वजह से संख्‍या में कमी आई है। 


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