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3 हफ्ते के हाई पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 162 अंक बढ़ा, निफ्टी 10,350 के पार

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 घरेलू शेयर बाजार लगातार चौथे दिन बढ़त के साथ बंद हुए। बैंकिंग, एफएमसीजी, ऑटो और मेटल शेयरों में खरीददारी से सेंसेक्स और निफ्टी 3 हफ्ते से ज्यादा के हाई पर बंद हुए। हैवीवेट आईटीसी, मारुति, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी से बाजार को सपोर्ट मिला। जिससे कारोबार के अंत में सेंसेक्स 162 अंक चढ़कर 33,789 अंक पर क्लोज हुआ। वहीं निफ्टी 48 अंक की उछाल के साथ 10,379 अंक पर बंद हुआ। आज के कारोबार में सेक्टोरल इंडेक्स में आईटी, रियल्टी और फार्मा में कमजोरी रही। इससे पहले, सेंसेक्स 27 अंक की बढ़त के साथ 33,654 अंक पर खुला। वहीं निफ्टी की शुरुआत 2 अंक की उछाल के साथ 10,334 के स्तर पर हुई। आज के कारोबार में निफ्टी 10,397.70 तक पहुंचने में कामयाब रहा। वहीं सेंसेक्स 33846.50 के स्तर तक गया। अच्छा रहा मिडकैप, स्मॉलकैप का प्रदर्शन बढ़त के साथ कारोबार में लार्जकैप शेयरों के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अच्छी खरीददारी देखने को मिली। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.16 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। वहीं बीएसई के स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.38 फीसदी तेजी आई। मिडकैप शेयरों में गोदरेज एग्रोवेट

ब्रोकरेज हाउस के ये हैं 5 पसंदीदा स्टॉक, मिल सकता है 64% तक रिटर्न

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पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर है, जिसके आगे भी जारी रहने का अनुमान है। घरेलू सेंटीमेंट कमजोर होने के अलावा दुनियाभर के बाजारों में दबाव है, जिसका असर घरेलू मार्केट पर दिख रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मार्केट के लिए निगेटिव सेंटीमेंट्स खत्म होने में समय लगेगा, जिससे अगले कुछ महीने मार्केट वोलेटाइल रहेगा। इस दौर में बेहतर पोर्टफोलियो के लिए उन शेयरों पर फोकस करना बेहतर हो सकता है, जिनके फंडामेंटल अच्छे हों। इसके लिए विकल्प हो सकता है कि उन शेयरों पर नजर रखें, जिनमें ब्रोकरेज हाउस ने निवेश की सलाह दी है।  RBL बैंक, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, स्पाइसजेट,  TVS मोटर्स और HSIL में अच्छा रिटर्न मिल सकता है...... . करेक्शन के दौर में जोखिम कम ब्रोकरेज हाउस कंपनी के मजबूत फंडामेंटल के आधार पर निवेश की सलाह देते हैं। कंपनियों के सेंटीमेंट्स सुधरने पर उनके स्टॉक के लिए टारगेट बढ़ा दिया जाता है। वहीं कुछ कंपनियों के फंडामेंटल इतने मजबूत होते हैं कि एक से ज्यादा ब्रोकिंग हाउस भी इन स्टॉक में निवेश की सलाह दे देते हैं। ऐसे में इन स्टॉक्स में निवेशकों के

PNB फ्रॉड : CBI ने RBI के पूर्व डिप्‍टी गवर्नर हारुन राशिद से की पूछताछ

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 PNB फ्रॉड मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व डिप्‍टी गवर्नर हारुन राशिद खान से CBI ने पूछताछ की है। पीएनबी में पिछले दिनों 12 हजार करोड़ रुपए से ज्‍यादा का यह घोटाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसे ने किया था। फिलहाल यह दोनों कारोबारी विदेश भाग गए हैं। इस मामले में सरकार की कई एजेंसियां मिल कर जांच कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार RBI के पूर्व डिप्‍टी गवर्नर खान से पूछताछ की गई है।   सीबीआई ने बढ़ाया जांच का दायरा इससे पहले सीबीआई ने पीएनबी और आईसीआईसीआई के 4 बड़े अफसरों से पूछताछ की। इनमें पीएनबी की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और आईसीआईसीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी शामिल हैं। वहीं, सीबीआई के मुताबिक, पीएनबी ने 1,251 करोड़ रु. के नए फ्रॉड की जानकारी दी है, जिससे हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के मेहुल चौकसी से जुड़े घोटाले की रकम बढ़कर 12,672 करोड़ हो गई है।   पीएनबी बैंक के आला अफसरों से भी पूछताछ सीबीआई पंजाब नेशनल बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर ऊषा अनंत और दो मौजूदा जनरल मैनेजर्स को मुंबई ऑफिस बुलाया था। इसके अला

FY-19 में फार्मा सेक्टर में टर्नअराउंड की उम्मीद, लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह

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  पिछले फाइनेंशियल में पूरे साल फार्मा सेक्टर पर दबाव देखा गया। पिछले एक साल की बात करें तो बीएसई पर फार्मा इंडेक्स में 15 फीसदी की गिरावट रही, वहीं निफ्टी पर इंडेक्स 18 फीसदी कमजोर हुआ। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि फार्मा सेक्टर से जुड़ी चिंताएं कम हो रही हैं। पिछले दिनों कई रुके प्रोडक्ट्स को मंजूरी मिली है, वहीं इस फाइनेंशियल में पिछले कई साल से ज्यादा नए प्रोडक्ट मार्केट में आएंगे। वहीं, पिछले कुछ महीनों से डोमेस्टिक के साथ विदेशी बाजारों में भी अच्छी डिमांड ग्रोथ दिख रही है। ऐसे में 2 साल से अंडरपरफॉर्मर रहे सेक्टर में इस फिस्कल टर्नअराउंड देखने को मिल सकता है। एक्सपर्ट्स ने अजंता फार्मा, शिल्पा मेडिकेयर, सनफार्मा और नेटको फार्मा में निवेश की सलाह दी है।  क्या निवेश का है सही समय एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय में मार्केट वोलेटाइल है, इस लिहाज से डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश का सही समय है। इसमें फार्मा सेक्टर भी शामिल है, जो अट्रैकिटर वैल्युएशन पर है। पिछले एक साल के दौरान स्टॉक्स में 46 फीसदी तक गिरावट देखी गई है। ल्यूपिन, कैडिला, सिप्ला, ड

एमएसपी से 20-32% कम पर चना और मसूर बेचने को मजबूर कि‍सान, बंपर प्रोडक्‍शन बना वजह

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 मोदी सरकार कि‍सानों को उनकी फसल का लागत से 50 फीसदी अधि‍क मूल्‍य दि‍लाने की बात तो कर रही है मगर फि‍लहाल तो उन्‍हें एमएसपी भी नहीं मि‍ल पा रहा। इस समय बाजार में चने और मसूर की अच्‍छी आवक हो रही है। चने का रि‍कॉर्डतोड़ उत्‍पादन हुआ है मगर कि‍सान एमएसपी से 32% तक कम रेट में बेचने को मजबूर हैं।     मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र और कर्नाटक में चने की खेती बड़े पैमाने पर होती है। मगर मंडि‍यों में ज्‍यादा आवक की वजह से कि‍सानों को एमएसपी भी नहीं मि‍ल पा रही है। आंकड़ों के मुताबि‍क, यहां की मंडि‍यों में चने का थोक भाव एमएसपी से 15 से 20% कम है। मध्‍यप्रदेश और यूपी की मंडि‍यों में मसूर के थोक रेट एमएसपी से 22 से 32% नीचे चले गए हैं।     सरकार ने कि‍ए थे कई उपाय  इस बार चने का रि‍कॉर्ड उत्‍पादन देखते हुए सरकार ने मार्च में चने पर इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ाकर 60 फीसदी करने के साथ एक्‍सपोर्ट पर प्रोत्‍साहन को भी तीन महीने के लि‍ए और बढ़ा दि‍या था ताकि बाहर से सस्‍ता चना न आ सके और कि‍सानों को वाजि‍ब दाम मि‍ल सकें। मसूर पर भी 30 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी है।  मगर इन कदमों के बावजूद

IT सेक्टर पर बुलिश हैं एक्सपर्ट्स, ये शेयर दे सकते हैं 32% तक रिटर्न

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 2 महीने से जारी करेक्शन के दौर में आईटी स्टॉक्स खासतौर से मिडकैप आईटी स्टॉक्स का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस दौरान मिडकैप आईटी शेयरों में 8 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ रही है। वहीं, लॉर्जकैप स्टॉक्स का प्रदर्शन स्टेबल रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार आईटी सेक्टर में रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं, उम्मीद है कि आने वाले अर्निंग सीजन में आईटी सेक्टर से अच्छे नंबर देखने को मिलेंगे। उनका कहना है कि यूएस मार्केट में कुछ कंसर्न है, लेकिन जिनका एक्सपोजर यूएस में नहीं है, उनमें अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। फिलहाल 2018 में आईटी सेक्टर का आउटलुक मजबूत है। एचसीएल टेक, हेक्सावेयर, टाटा इलेक्सी, टीसीएस और परसिस्टेंस सिस्टम में अच्छा रिटर्न मिल सकता है।  2018 में अच्छे ग्रोथ की उम्मीद   फॉर्च्युन फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि आइ्रटी सेक्टर में पिछले कुछ दिनों से रिकवरी दिख रही है। मिडकैप कंपनियों का प्रदर्शन लॉर्जकैप से बेहतर है। उनका कहना है कि अच्छी मिडकैप कंपनियों की चौथी तिमाही में ग्रोथ डबल डिजिट में दिख सकती है। बेस छोटा रहने से मार्जिन हाई रहने की उम्मीद है, ऐसे में इसका फायदा स्टॉक्स क

टाटा मोटर्स ने 2017-18 में होंडा को छोड़ा पीछे, टि‍आगो-नेक्‍सॉन ने पलटी बाजी

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 फाइनेंशि‍यल ईयर 2017-18  ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री के लि‍ए बड़े बदलावों से भरा रहा। जहां इंडस्‍ट्री को बढ़ते सेस रेट और इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफे जैसी चीजों का सामना करना पड़ा। वहीं, देश भर में जीएसटी रि‍फंड फाइलिंग में दि‍क्‍कतों से एक्‍सपोर्ट प्रभावि‍त हुआ। इस सबके बीच टाटा मोटर्स के लि‍ए 2017-18 काफी खास रहा है। तीन मॉडल्‍स - टि‍आगो, टि‍गोर और नेक्‍सॉन की वजह से टाटा मोटर्स ने होंडा कार्स इंडि‍या को सेल्‍स के मामले में पीछे छोड़ दि‍या।    सेल्‍स की रेस में टाटा ने होंडा को छोड़ा पीछे   कंपनि‍यों की ओर से जारी सेल्‍स आंकड़ों के मुताबि‍क, टाटा मोटर्स ने फाइनेंशि‍यल ईयर 2017-18 में होंडा कार्स इंडि‍या को पछाड़ दि‍या है। टाटा मोटर्स ने 2017-18 में 1,87,321 यूनि‍ट्स को बेचा जबकि‍ पि‍छले साल यह आंकड़ा 1,53,151 यूनि‍ट्स था।    वहीं, होंडा कार्स इंडि‍या ने 2017-18 में 1,70,026 यूनि‍ट्स को बेचा जबकि‍ पि‍छले साल यह आंकड़ा 1,57,313 यूनि‍ट्स का था। टाटा मोटर्स की सेल्‍स में सालाना आधार पर 22 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई जोकि‍ पूरी कार इंडस्‍ट्री में सबसे ज्‍यादा है। होंडा की सेल्‍स